SAFALTA1

“सफलता”

रुका नही, अभी मैं झुका नही

थोड़ी उलझन मैं हैं जिंदगी

खुद सवारने मैं लगा हूँ,

जज्बा थोड़ा हिला हैं

थोड़ा कदम लड़खड़ाए

थोड़ा सा दिल टूटा

थोड़ा मन अनसुलझा

थोड़ा समय से पीछे झुका हू

पर मेरे होसले की सास

आज भी जिंदा हू, क्योकि अभी मैं

रुका नही, अभी मैं झुका नही

समय लो कुछ यू, कहानी मेरी

तूफान के पहले की शांती हमारी

 

 

 

मन से मन का मेल मिले

बस दोस्त वही बन जाता हैं…

उम्र का ना हो कोई बंधन

बस साथ उसी का भाता हैं…

जीवन की हर मुसकिल मैं

जो भी साथ निभाता हैं,

बस दोस्त वही बन जाता हैं…

खुशियो मैं जो शामिल हों,

गम मैं भी सात निभाता हैं,

बस दोस्त वही बन जाता हैं…

बिन बोले जो सब कुछ समझे

आंखो के पानि को समझे,

बस दोस्त वही बन जाता हैं…

जीवन की डगर को आसान बना दे

चेहरे पे मुस्कान को ला दे,

बस दोस्त वही बन जाता हैं…….

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